क्या आपने सुना है हाइड्रोपोनिक खेती के बारे में? इससे निर्मल खेती से 30% ज्यादा उपज आ सकती है. यह कदम देखकर हर कोई स्तब्ध हो जाएगा. बिना मिट्टी के यह तरीका, आजकल शहरी खेती और घरेलू खेती के लिए सबसे पसंदीदा हो रहा है.
हाइड्रोपोनिक्स विधि में कम जल उपयोग खेती का अमूल्य तरीका है. इसमें पानी की खेती के साथ-साथ पौधों को उगाया जाता है. यह पर्यावरण अनुकूल खेती को आगे बढ़ाने का एक अच्छा दिशा मार्ग है.
इसमें खेती के लिए कीटनाशकों और रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग भी नहीं होता. ये कारण बनते हैं कि इस विधि से उच्च उत्पादनात्मक खेती करना संभव होता है.
मुख्य बिंदु
- हाइड्रोपोनिक खेती पारंपरिक खेती की तुलना में 30% अधिक उपज प्रदान करती है।
- यह एक पर्यावरण अनुकूल कृषि विधि है जिसमें रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग नहीं होता।
- इस विधि के लिए सिर्फ पानी और खनिज पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है।
- यह शहरी और घरेलू खेती के लिए एक उपयुक्त विकल्प है।
- इससे उच्च उत्पादन हासिल किया जा सकता है क्योंकि कम स्थान में भी फसलें उगाई जा सकती हैं।
हाइड्रोपोनिक खेती क्या है?
हाइड्रोपोनिक्स एक उन्नत खेती तकनीक है. इसमें पौधों की वृद्धि मिट्टी के बिना होती है. जल और पोषक घोल के माध्यम से पौधों को पोषित किया जाता है।
हाइड्रोपोनिक्स शब्द का अर्थ
‘हाइड्रो’ शब्द का मतलब है पानी. ‘पोनिक्स’ का मतलब है काम करना. इसका अर्थ है ‘पानी में काम करना’।
बिना मिट्टी के खेती कैसे की जाती है?
हाइड्रोपोनिक खेती में मिट्टी की जगह बालू, पेर्लाइट आदि का इस्तेमाल होता है. इन्हीं माध्यम से पौधे पोषक तत्व लेते हैं।
हाइड्रोपोनिक खेती में, पोषक तत्वों से भरपूर घोल का उपयोग किया जाता है. यह बिना मिट्टी के पौधों को पोषित करता है।
हाइड्रोपोनिक खेती का इतिहास
हाइड्रोपोनिक्स का जन्म जर्मन साइंटिस्ट डॉ. वी. एफ गेरिके के विचारों से हुआ। उन्होंने 1937 में इस तकनीक को अमेरिका में भरपूर टमाटर के पौधे उगाने के लिए प्रदर्शित किया। यह कार्य ने इस विज्ञान को पूरी दुनिया में प्रमुख बना दिया।
द्वितीय विश्व युद्ध के समय, सीमित भोजन आक्रांत स्थितियों में हाइड्रोपोनिक्स काफी मददगार साबित हुआ। वहाँ सैनिकों को ताजी सब्जियां उपलब्ध कराने का काम किया गया था।
यह तकनीक द्वितीय युद्ध के बाद भी मानवता के खाद्य जरुरतों को पूरा करने में सहायक रही है।
हाइड्रोपोनिक्स का आरम्भिक समर्थन एक जर्मन वैज्ञानिक के द्वारा किया गया था। उन्होंने इस साधन से खाद्य संघर्ष से लड़ने में सहायक होने की कोशिश की थी।
हाइड्रोपोनिक खेती की आवश्यकता
वर्तमान समय में पारंपरिक खेती कई समस्याओं का सामना कर रही है। कीटनाशकों का दुरुपयोग और रासायनिक उर्वरकों के बहुल मात्रा में जमीन को खतरा है। इसके अतिरिक्त, कम भूमि संसाधन कि कमी खासकर शहरी और उपनगरीय क्षेत्रों में एक बड़ी समस्या है।
पारंपरिक खेती की सीमाएं
आज, पूरी दुनिया में पारंपरिक खेती की चुनौतियों को सामना कर रही है। खेती में नए तरीकों की तलाश बढ़ रही है। गहरी समस्याएं से लड़ने के लिए, हाइड्रोपोनिक्स एक प्रेरणादायक समाधान हो सकता है।
शहरी क्षेत्रों में खेती की बढ़ती मांग
शहर में शहरी बागवानी की मांग तेजी से बढ़ रही है। हाइड्रोपोनिक्स उपयोगी है क्योंकि यह पर्यावरण के लिए अच्छा है और कम जगह में बहुत कुछ उत्पन्न कर सकता है।
हाइड्रोपोनिक प्रणाली कैसे काम करती है?
हाइड्रोपोनिक खेती में पौधों को उगाने के लिए विशेष प्रणाली होती है. इसमें अलग-अलग साधन होते हैं. इन प्रणालियों को मुख्यतः दो श्रेणियों में विभाजित किया जिता है.
निष्क्रिय हाइड्रोपोनिक सिस्टम
निष्क्रिय हाइड्रोपोनिक सिस्टम में पोषक तत्व घोल दिया जाता है. इसमें कोई मशीन उपयोग नहीं होता. तत्व घोल का वितरण केवल केशिका बल के द्वारा किया जाता है.
सक्रिय हाइड्रोपोनिक सिस्टम
सक्रिय हाइड्रोपोनिक सिस्टम में पंप का उपयोग होता है. यहाँ पंप पोषक तत्व घोल को बाँटते हैं. इससे पौधों को ज्यादा अच्छे पोषण का लाभ होता है.
हर प्रकार की प्रणाली में विभिन्न तकनीकें होती हैं. किसान अपनी आवश्यकतानुसार सही प्रणाली चुनता है.
निष्क्रिय प्रणाली | सक्रिय प्रणाली |
---|---|
केशिका बल प्रभाव का उपयोग | पंप का उपयोग |
पोषक तत्व घोल का वितरण केशिका बल द्वारा | पोषक तत्व घोल का वितरण पंप द्वारा |
कम लागत | अधिक लागत |
छोटे पैमाने पर उपयोग | बड़े पैमाने पर उपयोग |
हाइड्रोपोनिक प्रणालियां दो प्रकार की होती हैं. ये वितरण के तरीके में अंतर करती हैं.
हाइड्रोपोनिक सिस्टम के प्रकार
हाइड्रोपोनिक खेती में कई प्रकार की प्रणालियां होती हैं। इनमें से एक विक प्रणाली है, जो खेती के लिए सरल है।
इसमें, पौधों को पोषक तत्वों की आपूर्ति बत्ती से होती है। यह उसने नहीं होती जैसे दूसरी प्रणालियों में होती है।
विक हाइड्रोपोनिक सिस्टम
विक हाइड्रोपोनिक सिस्टम एक निष्क्रिय प्रकार का है। इसमें यांत्रिक तंत्र की कोई जरुरत नहीं पड़ती।
इस के जरिए, पोषक घोल के टैंक से जड़ें को पोहोचती हैं। वहां से वोह सब्सट्रेट माध्यम में जाती हैं जो पौधे के लिए काम आता है।
सब्सट्रेट माध्यम जैसे नारियल फाइबर, पेर्लाइट, और लावा चट्टानें पौधों के विकास का साथ देते हैं। वे पौधों को सहारा देने में मदद करते हैं।
विक प्रणाली छोटे पौधों के लिए अच्छी है। इसमें पानी और पोषक तत्वों की सरलता से आपूर्ति होती है।
यह तंत्र बहुत ही सरल और लागत भी कम होती है।
हाइड्रोपोनिक खेती के लाभ
बेहतर उपज होती है हाइड्रोपोनिक खेती में जो 20-30% अधिक होती है तुलना में। यहाँ पर कम मिट्टी संसाधनों की आवश्यकता पड़ती है. क्योंकि पौधों को सिर्फ एक निष्क्रिय माध्यम की जरूरत होती है. साथ ही, पानी का पुनर्चक्रण किया जाता है जिससे सीमित जल का उपयोग होता है.
पर्यावरण अनुकूल विधि है हाइड्रोपोनिक खेती. क्योंकि इसमें कीटनाशकों और रासायनिक उर्वरकों का उपयोग नहीं होता. इससे मिट्टी और जल प्रदूषण से बच सकते हैं.
इसमें फसलें छोटी जगहों पर भी उगा सकते हैं. इससे शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में भी खेती की जा सकती है।
हाइड्रोपोनिक खेती एक ऐसी विधि है जिससे हम अधिक फसल उत्पादन कर सकते हैं. बिना मिट्टी और पानी के की संसाधनों को नुकसान पहुंचाए। यह एक स्वच्छ और टिकाऊ खेती का रास्ता है।
- उच्च उपज
- कम संसाधन उपयोग
- पर्यावरण के अनुकूल
- छोटी जगहों में संभव
हाइड्रोपोनिक्स खेती में उगाई जा सकने वाली फसलें
हाइड्रोपोनिक्स खेती नयी तकनीक है जो किसानों को लाभकारी फसलें उगाने में मदद करती है। इससे छोटे सब्जियों और फलों की खेती हो सकती है।
कुछ लोकप्रिय फसलें शामिल हैं:
- मटर
- टमाटर
- खीरा
- शिमला मिर्च
- धनिया
- पुदीना
फलों की खेती भी हाइड्रोपोनिक्स में संभव है। स्ट्रॉबेरी, आम और अंगूर जैसे फलों की उगाई जा रही है।
किसानों को फसलों के गुणवत्ता के लिए अच्छे पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इसलिए, सही पोषक घोल का उपयोग करने के लिए सावधानी से तैयारी करनी चाहिए।
हाइड्रोपोनिक्स में पोषक तत्वों की सही मात्रा से उगाई गई फसलों की उनके लिए अच्छी पीढ़ी की उपलब्धता पर भरोसा करती है। किसानों को यह समझना चाहिए की उनकी फसलों की क्या जरूरत है और उसके हिसाब से पोषक घोल का उपयोग करना चाहिए।
हाइड्रोपोनिक खेती शुरू करना
हाइड्रोपोनिक्स खेती नयी तकनीक है। हाइड्रोपोनिक फार्म लगाना सीखना जरूरी है. कृषि केंद्रों में किसानों को यह सिखाया जाता है.
आवश्यक कौशल और प्रशिक्षण
प्रशिक्षण जरूरी है हाइड्रोपोनिक्स के लिए. इस प्रशिक्षण में हाइड्रोपोनिक तंत्रों की जानकारी दी जाती है.
यहाँ, पोषक तत्वों के घोल तैयार करना सिखाया जाता है. साथ ही, पौधों की देखभाल पर भी ध्यान दिया जाता है.
लागत और सरकारी सहायता
लागत इसकी शुरुआत में थोड़ी अधिक है. क्योंकि विशेष उपकरण की जरूरत होती है.
हालांकि, सरकार फंडिंग प्रोग्राम प्रदान करती है. ये योजनाएं वित्तीय सहायता और ऋण भी प्रदान करते हैं.
- सरकारी एजेंसियों द्वारा हाइड्रोपोनिक प्रशिक्षण आयोजित किया जाता है. यह किसानों को जानकारी देता है।
- कुछ निजी कंपनियां भी हाइड्रोपोनिक्स में प्रशिक्षण देती हैं. साथ ही यूपीक्विपमेंट उपलब्ध कराती हैं।
निष्कर्ष
हाइड्रोपोनिक खेती उच्च लाभदायक विकल्प है, खासकर शहरों और छोटे स्थानों के लिए। यह तकनीक हाइड्रोपोनिक खेती के लाभ देती है जैसे बेहतर उत्पाद, कम प्राकृतिक संसाधनों की जरूरत, और कम पानी का उपयोग। इसका मतलब यह है की इस से अधिक लोगों को खाने का सही समय पर पहुंचने में मदद मिलती है।
शुरुआती इन्वेस्टमेंट यहाँ अधिक होती है, परंतु फायदे लंबे समय तक चले आते हैं।
विशेषज्ञ भविष्य में विकास की संभावना देखते हैं। वे इसके लिए नई तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं। ये तकनीक सिस्टम को और अधिक उत्पादक बनाती है और किसानों की आय बढ़ाती है।
इसलिए, हाइड्रोपोनिक खेती कृषि में महत्वपूर्ण योगदान देने जा रही है। यहाँ से खाद्य उत्पादन में सुधार होगा और किसानों को ज्यादा मुनाफा मिलेगा।
FAQ
हाइड्रोपोनिक्स शब्द का क्या अर्थ है?
बिना मिट्टी के खेती कैसे की जाती है?
हाइड्रोपोनिक खेती का परिचय किसने दिया?
पारंपरिक खेती की क्या सीमाएं हैं?
हाइड्रोपोनिक सिस्टम के प्रकार क्या हैं?
विक हाइड्रोपोनिक सिस्टम कैसे काम करता है?
हाइड्रोपोनिक खेती के क्या लाभ हैं?
हाइड्रोपोनिक्स खेती में कौन सी फसलें उगाई जा सकती हैं?
हाइड्रोपोनिक खेती शुरू करने के लिए क्या जरूरत है?
स्रोत लिंक
- https://www.facebook.com/krishinetwork/videos/हाइड्रोपोनिक्स-खेती-क्या-है-एवं-इसका-खेती-में-क्या-महत्व-है-hydroponic-farming-/311481124139790/
- https://agricultureguruji.com/hi/hydroponic-farming-3/
- https://www.kisantak.in/farming-techniques/story/kisan-tech-hydroponics-farming-how-to-do-famring-without-soil-technique-profit-investment-all-you-need-to-know-997614-2024-05-03